इसबार वनमाली स्मृति कथा पुरस्कार समकालीन हिन्दी कथा और कविता के चर्चित हस्ताक्षर उदय प्रकाश को दिया गया। सम्मान समारोह में उदय प्रकाश की कहानियों पर प्रतिष्ठित कथाकार एवं चित्रकार प्रभुजोशी तथा समीक्षक विजयबहादुर सिंह ने अपने विचार रखे। उदय प्रकाश हमारे समय के ऐसे कवि-कथाकार हैं जिनके पास पाठको की सबसे ज्यादा बड़ी सूची है। इनको पढ़ना समय के हर दांव-पेंच से परिचित होने जैसा है। मैं इनकी रचनाओं का प्रसंशक एवं पाठक दोनों ही हूँ। मेरी शुभकानाएं। - प्रदीप मिश्र
रात
इतने घुप्प अंधेरे में
एक पीली पतंग
धीरे-धीरे
आकाश में चढ़ रही है।
किस बच्चे की नींद में है
उसकी गड़ेरी
किस माँ की लोरियों से
निकलती है डोर।
- उदय प्रकाश
1 comment:
मैं भी इनकी रचनाओं का प्रसंशक एवं पाठक दोनों ही हूँ। मेरी भी शुभकानाएं। - प्रदीप कान्त
Post a Comment